Corona Virus, कोरोना वायरस, Coronavirus, कोरोना वायरस का खतरा भारत में भी, कोरोना वायरस से कैसे बचें

कोरोनावायरस कई वायरस प्रकारों का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग के कारक होते हैं। यह आरएनए वायरस होते हैं। मानवों में यह श्वास तंत्र संक्रमण के कारण होते हैं, जो अधिकांश रूप से मध्यम गहनता के लेकिन कभी-कभी जानलेवा होते हैं।

कोरोना वायरस का कहर जारी, चीन में अब तक 259 की मौत, 12 हजार कन्फर्म केस

कोरोना वायरस से चीन में अब तक 259 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कन्फर्म केस 12 हजार तक पहुंच गए हैं. कई देशों ने अपने नागरिकों को चीन न जाने की सलाह दी है, जबकि कुछ देशों ने चीन के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को लेकर इंटरनेशनल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी है.



चीन का वुहान शहर बना कोरोना का केंद्रदुनिया के 18 देश कोरोना से प्रभावित324 भारतीयों को वुहान से दिल्ली लाया
चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया के कई देशों में फैल चुका है. कोरोना से चीन में अबतक 259 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कन्फर्म केस 12 हजार तक पहुंच गये हैं. कई देशों ने अपने नागरिकों को चीन न जाने की सलाह दी है, जबकि कुछ देशों ने चीन के लिए अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना को लेकर इंटरनेशनल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी है. जबकि शनिवार को चीन के वुहान से 324 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली लाया गया है.

चीन से शुरू होने वाले कोरोना दुनिया भर के 18 देशों में फैल चुका है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चीन में अबतक 259 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि करीब 12 हजार कन्फर्म केस सामने आए हैं. चीन का वुहान शहर कोरोना का केंद्र बना हुआ है. यहां कोरोना से अब तक 204 लोगों की मौत हो चुकी है.

बता दें कि दिसंबर में चीन के हुबई प्रांत के वुहान शहर से कोरोना का संक्रमण शुरू हुआ था. दुनिया भर के देशों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना पर इंटरनेशनल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी है.

वुहान से 324 भारतीय दिल्ली पहुंचे

कोरोना वायरस की दहशत के बीच चीन के वुहान में फंसे 324 भारतीय लोगों को लेकर एयर इंडिया का डबल डेकर जंबो 747 विमान भारत पहुंच चुका है. बोइंग बी-747 विशेष विमान ने शुक्रवार देर रात चीन के वुहान से उड़ान भरी थी. इस विमान में दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के 5 डॉक्टरों की टीम भी मौजूद थी. इसके अलावा इंजीनियर्स और सुरक्षा अधिकारियों की एक टीम भी इस फ्लाइट में मौजूद थी. यह विमान शनिवार की सुबह 7 बजे के बाद नई दिल्ली पहुंचा.


कोरोना पर इंटरनेशनल हेल्थ इमरजेंसी

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हेल्थ इमरजेंसी लगाने के बाद चीफ टेड्रोस ऐडनम ने कहा, "हमारी चिंता वैसे देशों को लेकर है, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं कमजोर हैं और उन देशों को कोरोना से मुकाबला करने में परेशानी हो सकती है. इसलिए हमने अंतरराष्ट्रीय पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की है."

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उन्होंने कहा कि इमरजेंसी घोषित करने का मकसद चीन के खिलाफ कोई अविश्वास की भावना नहीं है. हमारा मकसद एक साथ मिलकर मुकाबला करना है, ताकि कोरोना को और फैलने से रोका जा सके. टेड्रोस ने कहा कि ऐसी कोई वजह नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल और व्यापार को रोका जाए और फ्लाइट पर रोक लगाई जाए.

दुनिया के 18 देशों में कोरोना का कहर

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया के 18 देशों में कोरोना ने पैर पसार लिए हैं. इन देशों में कुल 82 कन्फर्म केस की पुष्टि हो चुकी है. इनमें अमेरिका, जापान और वियतनाम भी शामिल है. इसके अलावा हांगकांग में कोरोना वायरस का 17 कन्फर्म केस सामने आया है, जबकि थाइलैंड में 7 संदिग्ध पाए गए हैं.

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मकाऊ में 5, ताइवान में 4 कोरोना वायरस से संक्रमित लोग पाए गए हैं. ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में चार-चार, कोरिया रिपब्लिक, जापान, फ्रांस और मलेशिया में तीन-तीन केस सामने आए हैं. साथ ही वियतनाम में दो और नेपाल में अबतक कोरोना वायरस का एक केस सामने आया है.



चीन में कोरोना वायरस के कहर से मरने वालों की संख्या 212 को पार कर गई है. इससे संबंधित निमोनिया के अब तक 8000 से अधिक पुष्ट मामले सामने आए हैं. चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.
तिब्बत को छोड़कर चीन के सभी प्रांतों से कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए इसे फैलने से रोकना एक बड़ी चुनौती बन गई है.
दुनिया भर में कोरोना वायरस के केस लगातार सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ ने कोरोना वायरस को अंतर्राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है.


 कोरोना वायरस है अंतर्राष्ट्रीय इमरजेंसी: विश्व स्वास्थ्य संगठन
चीन से बाहर 18 देशों में कोरोना वायरस के 82 मामलों की पुष्टि हुई है. कोरोना वायरस के थाईलैंड में 14, जापान में 11, सिंगापुर में 10, दक्षिण कोरिया में चार, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया में सात-सात, अमेरिका और फ्रांस में पांच-पांच , जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात में चार-चार और कनाडा में कोरोना के तीन मामलों की पुष्टि हुई है.


क्या है कोरोना वायरस?


कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है.


क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?


इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है. यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था. इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है.


क्या हैं इससे बचाव के उपाय?



स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए. अल्‍कोहल आधारित हैंड रब का इस्‍तेमाल भी किया जा सकता है. खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्‍यू पेपर से ढककर रखें. जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें. अंडे और मांस के सेवन से बचें. जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें.


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चीन इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है.चीन में नववर्ष की छुट्टियां बढ़ा दी गई है. इस वायरस के चलते पर्यटकों की संख्या घट सकती है. इसका सीधा असर चीन की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. पहले ही चीन की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर में है.
कई देशों ने अपने नागरिकों से कोरोना प्रभावित वुहान नहीं जाने के लिए कहा है. कई देशों ने वुहान से आने वाले लोगों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. रूस ने चीन के साथ अपने पूर्वी बॉर्डर को भी बंद कर दिया है.


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लगभग 18 साल पहले सार्स वायरस से भी ऐसा ही खतरा बना था. 2002-03 में सार्स की वजह से पूरी दुनिया में 700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. पूरी दुनिया में हजारों लोग इससे संक्रमित हुए थे. इसका असर आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ा था.


वायरस का संक्रमण|चीन में वायरस का खतरा|कोरोनावायरस|Virus in China|coronavirus


केरल में चीन से लौटे जिस छात्र में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्ट हुई है उसकी हालत स्थिर बनी हुई है. ये भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला है.

लेकिन केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा का कहना है कि मरीज़ को त्रिशूर अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड ( एकांत वॉर्ड) में रखा गया है और उनकी हालत स्थिर है.

केरल में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति ये है -

केरल में क़रीब 1053 लोगों को निगरानी में रखा गया है
24 सैंपल पुणे भेजे गए
15 सैंपल निगेटिव मिले
1 सैंपल पॉज़िटिव
गुरुवार को सात मरीज़ भर्ती
अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है 15 लोगों का इलाज

केरल में अधिकारियों ने अलग-अलग अस्पतालों में क़रीब 15 आइसोलेशन वॉर्ड में मरीज़ों को रखा है और क़रीब 1053 लोग निगरानी के तहत हैं.

चीन से फैले इस वायरस की वजह से अब तक क़रीब 170 लोगों की मौत हो चुकी है.



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केरल सरकार ने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी को 24 सैंपल भेजे थे जिसमें से एक पॉज़िटिव निकला जबकि 15 निगेटिव. त्रिशूर के अस्पताल में जांच के लिए दिए गए तीन सैंपल की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.

एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बीबीसी से कहा "लोग समूहों में नहीं आ रहे हैं. वे अलग-अलग हवाई अड्डों पर एक-एक या दो-दो की संख्या में आ रहे हैं लेकिन अगर उनमें बुखार या संक्रमण का कोई भी लक्षण दिखाई दे रहा है तो तुरंत उन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है और फिर निगरानी में रखा जा रहा है."

केरल के कई छात्र चीन में पढ़ाई कर रहे हैं. चीन के वुहान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ मेडिसीन में पढ़ाई कर रहे 56 छात्रों को वापस लाया जाना है.

इससे एक दिन पूर्व डॉ. शैलजा ने छात्रों को वापस लाए जाने पर फ़ैसला केंद्र सरकार पर छोड़ दिया था. हालांकि इन छात्रों को चीन में पहले से ही एकांत में ठहराया गया था. एकांत में रखे जाने के पीछे कारण यह है कि वायरस संपर्क में आने पर तेज़ी से फैलता है.

कोरोना वायरस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी भारत में पहले कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि की गई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा "भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला सामने आने के बहुत पहले से ही हम यह सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं कि इसका पूरा निदान और इलाज हो."

डॉ शैलजा ने केरल के सभी सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ सभी निजी अस्पतालों को भी कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण वाले मरीज़ों को निगरानी में रखने के लिए कहा है.



इस बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि एहतियात के तौर पर ये क़दम उठाए जाने ज़रूरी थे क्योंकि यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है. हालांकि उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि केरल पहले भी इस तरह की स्थिति से निपट चुका है.

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन यह बात निपाह वायरस के संदर्भ में कह रहे थे. जिससे हज़ारों लोग संक्रमित हुए थे लेकिन मज़बूत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की मदद से उस संक्रमण को महज़ 42 दिनों में नियंत्रित कर लिया गया था.

कोरोना वायरस
बेंगलुरु स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज़ में वायरोलॉजी प्रोफ़ेसर वी रवि ने बीबीसी को बताया " हमने सार्स के साथ-साथ निपाह वायरस के दौरान भी स्थिति को बहुत अच्छे से संभाला था. जिस भी व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण नज़र आए उन्हें पूरी तरह निगरानी में रखा गया और इलाज किया गया."

हालांकि डॉ रवि यह ज़रूर कहते हैं कि संक्रमण के 60 से 70 फ़ीसदी मामलों में संक्रमित व्यक्ति में कोई गंभीर लक्षण (कमज़ोरी) नज़र नहीं आता है. लेकिन बुजुर्गों, मधुमेह पीड़ित और अन्य दूसरी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में यह ज़रूर गंभीर तौर पर असर दिखाता है.

डॉ रवि कहते हैं कि अभी जबकि संक्रमण की स्थिति है तो मानक तौर पर अगर किसी में संक्रमण के लक्षण नज़र आ रहे हैं तो उससे एकांत में रखें और इसके साथ ही भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से परहेज़ करें.


कोरोना वायरस
भारत सरकार की एडवाइजरी
केंद्र सरकार ने आज चीन से लौट रहे लोगों के लिए ट्रेवल एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी के मुताबिक चीन से लौटने पर 14 दिनों तक-

घर में अलग थलग रहें
अलग कमरे में रहें
केवल परिवार से सम्पर्क में रहे. बाहर आने जाने वालों से सम्पर्क न करें.

कोरोना वायरस
भारत में चिंता
इसके पहले सरकार ने दिल्ली समेत देश के सात हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की ताकि अगर चीन या हांगकांग से लौटे किसी शख़्स में संक्रमण के असर दिखते हैं तो उसकी तुरंत जांच कराई जा सके.

भारत में नेशनल सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने बीबीसी को बताया कि यह वायरस मर्स और सार्स वायरस की तरह जानवरों से ही आया है.

दस से बीस दिनों के भीतर ही यह वायरस 40 से 550 लोगों को संक्रमित कर चुका है. जो वायरस अब तक चीन तक ही सीमित था वो अब 5-6 देशों तक भी पहुंच चुका है.

वो कहते हैं, "यह वायरस अमरीका तक पहुंच चुका है तो हमारे देश के लोग भी चीन की यात्रा करते हैं. क़रीब 1200 मेडिकल स्टूडेंट चीन में पढ़ाई कर रहे हैं, जिसमें से ज़्यादातर वुहान प्रांत में ही हैं. ऐसे में अगर वो वहां से लौटते हैं तो इस वायरस के भारत में आ जाने की आशंका बहुत बढ़ जाती है."


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