जीवन क़े लम्बे सफर मे, दिन के सभी पहर मे,
आप सबकी नजर मे , खुशियों के लहर में
सपनो के नगर मे , अकेले शहर मे
जब हम अकेले ही चलेंगे तो मेरे दोस्त क्या कहेंगे
उम्मीदों की झोली लेकर, चलते ही रहेंगे ,
अरमानों के इस महल में, राजा हम बनेंगे,
गर बन नही पाया, तो राजकुमार ही रहेंगे,
मेरे दोस्त क्या कहेंगे, मेरे दोस्त क्या कहेंगे
जीवन मे बहुत मजे थे, सपने बहुत सजे थे,
इन सपनों की दूनिया मे जब, सपने सपने ही रहेंगे,
और साथ मे अपने नही रहेंगे ग,
तो मेरे दोस्त क्या कहेंगे, मेरे दोस्त क्या कहेंगे
आएगी जब दिवाली, घर भी रहेगा खाली,
चमन के इन फूलों का, नहीं रहेगा कोई माली,
भंवरे इनकी शिकायत, गुलशन से करेंगे ,
तो मेरे दोस्त क्या कहेंगे तो मेरे दोस्त क्या कहेंगे
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